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लापरवाही ने छीनी 10 मासूमों की जिंदगी! PM राहत कोष से भी मुआवजे का एलान; पीएम बोले- हृदयविदारक घटना
Jagran Desk
झांसी मेडिकल कॉलेज अग्निकांड पर योगी सरकार ने आर्थिक मदद का ऐलान किया है. मृतक बच्चों के परिजनों को 5-5 लाख और घायलों को 50 हजार की आर्थिक मदद करेगी सरकार.
झांसी मेडिकल कॉलेज हादसे में शिकार परिजनों को यूपी सरकार ने पांच-पांच लाख रुपये देने की घोषणा की है। घायलों के परिजनों को पचास-पचास हजार की सहायाता मिलेगी। वहीं इस घटना पर पीएम मोदी ने शोक जताया है। वहीं पीएम कोष से भी मुआवजे का एलान हो गया है।
महारानी लक्ष्मी बाई मेडिकल कॉलेज के विशेष नवजात देखभाल इकाई (एसएनसीयू) में भीषण आग लगने से 10 नवजात शिशुओं की झुलसने एवं दम घुटने से मौत हो गई। मंडलायुक्त बिमल कुमार दुबे ने बताया कि जिस वार्ड में आग लगी थी, वहां 55 नवजात भर्ती थे। 45 नवजात को सुरक्षित निकाल लिया गया। उनका इलाज चल रहा है। यूपी सरकार, केंद्र सरकार और पीएम राहत कोष तीनों ने मुआवजे का एलान कर दिया है।
मासूमों की मौत पर जताया शोक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घटना को लेकर शोक जताया है। एक्स पर पीएमओ ने लिखा कि हृदयविदारक! उत्तर प्रदेश में झांसी के मेडिकल कॉलेज में आग लगने से हुआ हादसा मन को व्यथित करने वाला है। इसमें जिन्होंने अपने मासूम बच्चों को खो दिया है, उनके प्रति मेरी गहरी शोक-संवेदनाएं। ईश्वर से प्रार्थना है कि उन्हें इस अपार दुख को सहने की शक्ति प्रदान करे।
घटना के बाद यूपी सीएम ने किया मुआवजे का एलान
महारानी लक्ष्मी बाई मेडिकल कॉलेज के विशेष नवजात देखभाल इकाई (एसएनसीयू) में भीषण आग लगने से 10 नवजात शिशुओं की झुलसने एवं दम घुटने से मौत हो गई। मंडलायुक्त बिमल कुमार दुबे ने बताया कि जिस वार्ड में आग लगी थी, वहां 55 नवजात भर्ती थे। 45 नवजात को सुरक्षित निकाल लिया गया। उनका इलाज चल रहा है। हादसे की सूचना मिलते ही करीब 15 दमकलें मौके पर पहुंच गईं। सेना को भी बुला लिया।
सेना एवं दमकल ने मिलकर आग बुझाई। बच्चों को सर्वोत्तम चिकित्सा उपचार दिया जा रहा है, वे जल्द ठीक हो जाएंगे। आज सुबह डिप्टी सीएम बृजेश पाठक मेडिकल कॉलेड पहुंच गये हैं। झांसी मेडिकल कॉलेज हादसे में शिकार परिजनों को शासन द्वारा पांच लाख रुपये की सहायता की घोषणा की गई है। घायलों के परिजनों को पचास-पचास हजार की सहायाता मिलेगी।
हादसे की सूचना मिलते ही करीब 15 दमकलें मौके पर पहुंच गईं। सेना को भी बुला लिया। सेना एवं दमकल ने मिलकर आग बुझाई। बच्चों को सर्वोत्तम चिकित्सा उपचार दिया जा रहा है, वे जल्द ठीक हो जाएंगे। आज सुबह डिप्टी सीएम बृजेश पाठक मेडिकल कॉलेल पहुंच गये.
दस नवजात की मौत से अस्पताल परिसर में कोहराम मच गया। माता-पिता भी अपने बच्चों को बचाने की गुहार लगाते रहे। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक शुक्रवार रात करीब पौने ग्यारह बजे वार्ड से धुआं निकलता दिखा। जब तक लोग कुछ समझ पाते, आग की लपटें उठने लगीं। कुछ ही देर में आग ने वार्ड को जद में ले लिया, जिससे भगदड़ मच गई। शिशुओं को बाहर निकालने की कोशिश हुई, पर धुआं एवं दरवाजे पर आग की लपट होने से समय पर बाहर नहीं निकाले जा सके। दमकल की गाड़ियों के पहुंचने पर शिशुओं को बाहर निकाला जा सका। बताया जा रहा है कि पहले ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर में आग लगी और देखते ही देखते पूरा वार्ड आग की चपेट में आ गया।
जांच के लिए बनाई गठित, डिप्टी सीएम पाठक पहुंचे मेडिकल
सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर उपमुख्यमंत्री एवं चिकित्सा मंत्री ब्रजेश पाठक मेडिकल कॉलेज पहुंच गये हैं। उनके साथ प्रमुख सचिव स्वास्थ्य भी हैं। झांसी के मंडलायुक्त और पुलिस उप महानिरीक्षक को हादसे की जांच के निर्देश दिए गए हैं। सीएम ने हादसे पर दुख जताते हुए जांच कर 12 घंटे में रिपोर्ट देने को कहा है।
हालात का जायजा लेने के बाद उप मुख्यमंत्री पाठक ने कहा कि नवजात शिशुओं की मौत बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। हम परिजनों के साथ मिलकर नवजातों के शव की पहचान करने की कोशिश कर रहे हैं। पहली जांच प्रशासनिक स्तर पर होगी जो स्वास्थ्य विभाग करेगा और दूसरी जांच पुलिस प्रशासन करेगा। अग्निशमन विभाग टीम भी इसका हिस्सा होगी। तीसरा मजिस्ट्रियल जांच के भी निर्देश दिये गये हैं। आग लगने के कारणों की जांच की जाएगी। अगर कोई खामी पाई गई तो जो भी जिम्मेदार होंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा। सरकार बच्चों के परिजनों के साथ है। फरवरी में फायर सेफ्टी ऑडिट हुआ था। जून में एक मॉक ड्रिल भी किया गया था। यह घटना कैसे हुई और क्यों हुई इस बारे में जांच रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ कहा जा सकेगा।
सीएम योगी ने लिया घटना का संज्ञान
सीएम योगी ने घटना का संज्ञान लेते हुए उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक को झांसी के लिए रवाना किया था। उनके साछ प्रमुख स्वास्थ्य सचिव भी हैं। सीएम योगी ने घटना की जांच रिपोर्ट 12 घंटे में देने को कहा है। कमिश्नर और डीआईजी हादसे की जांच कर रहे हैं। जांच के लिए कमेटी गठित कर दी गई है।
आग की चपेट में आने से 10 बच्चों की मौत हो गई है जबकि वार्ड में लगभग 54-55 बच्चे भर्ती थे। बाकी बचाए गए बच्चों का इलाज जारी है।
-बिमल कुमार दुबे, मंडलायुक्त
मुख्य चिकित्सा अधीक्षक सचिन माहौर ने बताया कि एनआईसीयू वार्ड में 54 बच्चे भर्ती थे। अचानक ऑक्सीजन कंसंट्रेटर के अंदर आग लग गई। आग बुझाने के प्रयास किए गए लेकिन चूंकि कमरा अत्यधिक ऑक्सीजनयुक्त था, इसलिए आग तेजी से फैल गई। कई बच्चों को बचा लिया गया। 10 बच्चों की मौत हो गई। घायल बच्चों का इलाज चल रहा है।
सचिन माहौर, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक रात करीब पौने ग्यारह बजे एनआईसीयू वार्ड से धुआं निकलता दिखा। वहां मौजूद लोगों ने शोर मचाया। जब तक कुछ समझ पाते, आग की लपटें उठने लगीं। कुछ ही देर में आग ने वार्ड को अपनी चपेट में ले लिया। वहां भगदड़ मच गई।
नवजात बच्चों को बाहर निकालने की कोशिश हुई लेकिन, धुआं एवं दरवाजे पर आग की लपटें होने से बच्चे समय पर बाहर नहीं निकाले जा सके। कुछ देर बाद दमकल की गाड़ियों के पहुंचने पर नवजातों को बाहर निकाला जा सका। वार्ड से 10 नवजात शिशुओं के शव बाहर निकाले जा चुके थे। मौके पर रोते-बिलखते परिजनों का जमावड़ा हुआ है। बचाव कार्य चल रहा था। सुरक्षित निकाले गये बच्चों का इलाज चल रहा है।मेडिकल की बिजली काटी गई
मौके पर जिलाधिकारी समेत सभी प्रशासनिक अधिकारी पहुंच गए हैं। सेना का दमकल वाहन मौके पर पहुंच चुका है। मेडिकल कॉलेज की बिजली काट दी गई है। अब तक करीब 30 से अधिक बच्चों का रेस्क्यू कर सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है।