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छोटे उद्यम, बड़ी उड़ान: टेक्नोलॉजी से भारत के एमएसएमई का वैश्विक विस्तार
Opinion

एक समय था जब भारत के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSME) केवल सीमित संसाधनों और पारंपरिक तरीकों पर निर्भर रहते थे। लेकिन अब समय बदल चुका है — और टेक्नोलॉजी के पंख लगाकर ये छोटे उद्योग वैश्विक उड़ान भरने को तैयार हैं।
आज देश के 11 करोड़ से अधिक लोगों को रोजगार देने वाला यह क्षेत्र भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ बन चुका है। इतना ही नहीं, देश के कुल निर्यात में भी MSME क्षेत्र का योगदान 45% से अधिक है। हाल की रिपोर्ट्स के मुताबिक, 2030 तक यह क्षेत्र भारत को $1 ट्रिलियन एक्सपोर्ट इकोनॉमी तक पहुंचाने की क्षमता रखता है।
टेक्नोलॉजी बना रही है MSME को ग्लोबल चैंपियन
MSME सेक्टर में अब टेक्नोलॉजी के समावेश ने व्यापार को आसान, स्मार्ट और सुरक्षित बना दिया है:
🔹 ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी के ज़रिए कागजी प्रक्रिया को खत्म कर सुरक्षित और ट्रेसबल डिजिटल ट्रांसेक्शन को बढ़ावा मिल रहा है।
🔹 डिजिटल ट्विन्स की मदद से अब उत्पादों की रीयल-टाइम ट्रैकिंग संभव हो गई है, जिससे ग्राहक की ज़रूरतों को समझकर रणनीति तैयार की जा सकती है।
🔹 स्मार्ट ऑर्डर मैनेजमेंट, कम्युनिकेशन टूल्स और ग्लोबल लेन-देन पहले से कहीं अधिक प्रभावी और डेटा-संचालित हो गए हैं।
ई-कॉमर्स प्लेटफ़ॉर्म्स दे रहे MSME को नई पहचान
ई-कॉमर्स के माध्यम से अब छोटे उद्यमी भी सीधे अंतरराष्ट्रीय बाज़ारों तक पहुँच बना पा रहे हैं। इससे:
✅ नई मार्केट्स में एंट्री आसान हो गई है
✅ उत्पादों की ब्रांडिंग और डिलीवरी में पारदर्शिता और स्पीड आई है
✅ बिक्री में 50% तक की संभावित वृद्धि दर्ज की जा रही है
ई-कॉमर्स एनेबलमेंट प्लेटफ़ॉर्म जैसे शिपरॉकेट, डाटा एनालिटिक्स और AI का उपयोग कर व्यापारियों को सटीक जानकारी और तेज़ फैसले लेने में मदद कर रहे हैं।
"डिजिटल होने से ही होगा ग्लोबल" — साहिल गोयल, CEO, शिपरॉकेट
“टेक्नोलॉजी वह शक्ति है जो भारत के MSME को गांव-गली से निकालकर ग्लोबल स्टेज पर ला खड़ा करती है। हमारा प्रयास है कि हर छोटे व्यापारी को वह टेक्नोलॉजी मिले जो उसे दुनिया के किसी भी कोने में प्रतिस्पर्धी बना सके,”
— साहिल गोयल, एमडी और सीईओ, शिपरॉकेट
आगे का रास्ता: स्मार्ट सोच, डिजिटल टूल्स और ग्लोबल अप्रोच
भारत के MSME अब सिर्फ "मेक इन इंडिया" नहीं, बल्कि "सेल टू द वर्ल्ड" की ओर बढ़ रहे हैं। टेक्नोलॉजी की यह लहर छोटे उद्योगों को वैश्विक व्यापार में आत्मनिर्भर और प्रतिस्पर्धी बना रही है, और यही भारत के आर्थिक भविष्य का सबसे बड़ा इंजन बन सकती है।
(ये लेखक के अपने विचार हैं। dainikjagranmpcg.com एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)