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रविवार को इन पावरफुल मंत्रों का करें जाप, भगवान भाष्कर देंगे यश कीर्ति, सूर्य देव की कृपा से हमेशा रहेंगे निरोगी
Dharm Desk
रविवार के दिन सूर्य देवता की पूजा का विधान है. इस दिन भक्त व्रत और सूर्य देव की चालीसा, आरती और स्तुति का पाठ करते हैं. माना जाता है कि इन प्रभावशाली मंत्रों की स्तुति से यश-कीर्ति प्राप्त होती है. आइए जानते हैं इन मंत्रों के बारे में-
सनातन धर्म में सप्ताह का हर दिन किसी न किसी देवता को समर्पित है. इसी तरह रविवार को सूर्य देवता की पूजा का विधान है. इस दिन भगवान भाष्कर के भक्त व्रत भी रखते हैं. उनको प्रसन्न करने के लिए प्रात: काल उठकर स्नान करते हैं, पूजा स्थल को साफ कर सूर्य देव की चालीसा, आरती और स्तुति का पाठ करते हैं. दरअसल, सूर्य देव को नवग्रहों का राजा माना जाता है. इसलिए सूर्य देव की नियमित पूजा-उपासना से बहुत लाभ मिलता है. इस दिन कुछ प्रभावशाली मंत्रों व सूर्य देव की स्तुति से यश-कीर्ति प्राप्त करने के साथ-साथ सेहत भी ठीक रहती है. इन सूर्य मंत्रों के बारे मेंबता रहे हैं तीर्थ नगरी सोरों (कासगंज) के ज्योतिषाचार्य ऋषिकांत मिश्र शास्त्री-
सूर्य देव के चमत्कारी मंत्र
ॐ सूर्याय नम:।
ॐ भानवे नम:।
ॐ रवये नम:।
ॐ पूष्णे नम:।
ॐ मित्राय नम:।
ॐ आदित्याय नम:।
ॐ खगाय नम:।
ॐ हिरण्यगर्भाय नम:।
ॐ सावित्रे नम:।
ॐ मारीचाय नम:।
ॐ भास्कराय नम:।
ॐ अर्काय नम:।
सूर्य प्रार्थना मंत्र
ग्रहाणामादिरादित्यो लोक लक्षण कारक:।
विषम स्थान संभूतां पीड़ां दहतु मे रवि।।
सूर्य देव के अन्य शक्तिशाली मंत्र
ॐ घृणिं सूर्य्य: आदित्य:
ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय नमः
ॐ घृणि सूर्याय नम:
ॐ ह्रीं घृणिः सूर्य आदित्यः क्लीं ॐ
सूर्य देव की स्तुति
जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन
त्रिभुवन-तिमिर-निकन्दन, भक्त-हृदय-चन्दन।।
सप्त-अश्वरथ राजित, एक चक्रधारी
दु:खहारी, सुखकारी, मानस-मल-हारी
जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।।
सुर-मुनि-भूसुर-वन्दित, विमल विभवशाली
अघ-दल-दलन दिवाकर, दिव्य किरण माली
जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।।
सकल-सुकर्म-प्रसविता, सविता शुभकारी
विश्व-विलोचन मोचन, भव-बन्धन भारी
जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।।
कमल-समूह विकासक, नाशक त्रय तापा
सेवत साहज हरत अति मनसिज-संतापा
जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।।
नेत्र-व्याधि हर सुरवर, भू-पीड़ा-हारी
वृष्टि विमोचन संतत, परहित व्रतधारी
जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।।
सूर्यदेव करुणाकर, अब करुणा कीजै
हर अज्ञान-मोह सब, तत्त्वज्ञान दीजै
जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।।