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आज का पंचांग (17 अप्रैल 2025): चतुर्थी तिथि में शुभ कार्यों से करें परहेज़
Dharm Desk

वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को शास्त्रों में विशेष महत्व प्राप्त है। यह तिथि विघ्नहर्ता भगवान श्री गणेश को समर्पित मानी जाती है।
इस दिन गणपति की विधिवत पूजा-अर्चना करने से जीवन के संकट, बाधाएं और कष्ट शांत होते हैं। हालांकि ज्योतिष अनुसार, यह तिथि मांगलिक या शुभ कार्यों के लिए प्रतिकूल मानी जाती है, इसलिए कोई भी नया या बड़ा कार्य आरंभ करने से पहले विचार अवश्य करें।
🕉️ पंचांग विवरण – 17 अप्रैल 2025, गुरुवार
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विक्रम संवत: 2081
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माह: वैशाख
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पक्ष: कृष्ण पक्ष
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तिथि: चतुर्थी
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वार: गुरुवार
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योग: वरियान
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नक्षत्र: अनुराधा
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करण: बलव
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चंद्र राशि: वृश्चिक
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सूर्य राशि: मेष
🌞 सूर्य-चंद्र की स्थिति
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सूर्योदय: सुबह 06:17 बजे
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सूर्यास्त: शाम 07:00 बजे
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चंद्रोदय: रात 10:57 बजे
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चंद्रास्त: सुबह 08:13 बजे
⚠️ आज का राहुकाल एवं वर्जित समय
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राहुकाल: दोपहर 14:14 बजे से 15:50 बजे तक
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यमगंड काल: सुबह 06:17 से 07:53 तक
इन समयों में शुभ कार्य जैसे यात्रा, खरीददारी, मुहूर्त, पूजन आदि करने से बचें, क्योंकि इन कालों को अशुभ माना गया है।
🌟 अनुराधा नक्षत्र का प्रभाव: रिश्तों में मधुरता और रचनात्मक ऊर्जा
आज चंद्रमा वृश्चिक राशि में भ्रमण कर रहा है और अनुराधा नक्षत्र में स्थित है। यह नक्षत्र मित्रता, सौंदर्य और ललित कलाओं से जुड़ा होता है। इसके स्वामी ग्रह शनि और अधिदेवता मित्र देव हैं।
इस नक्षत्र में:
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नए दोस्त बनाना
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प्रेम संबंधों को प्रगाढ़ करना
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कला, गायन, वादन में भाग लेना
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विवाह व साज-सज्जा से जुड़े कार्य करना
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यात्रा व कृषि से जुड़े कार्य शुरू करना
शुभ फलदायक माने गए हैं।
👉 नोट: यदि आप किसी विशेष कार्य की योजना बना रहे हैं, तो आज के दिन राहुकाल और यमगंड काल को ध्यान में रखते हुए ही कोई निर्णय लें।