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आज का पंचांग : बुधवार, 16 अप्रैल 2025 ... विकट संकष्टी चतुर्थी पर विशेष योगों का संगम
Dharm Desk

आज का दिन न केवल धार्मिक दृष्टि से विशेष है, बल्कि शुभ संयोगों से युक्त भी है। वैशाख मास की कृष्ण पक्ष तृतीया तिथि, जिसका अधिष्ठाता अग्निदेव हैं, विशेष रूप से कला, सृजन और नव आरंभ के लिए शुभ मानी जाती है।
आज विकट संकष्टी चतुर्थी का पर्व है, जो भगवान श्रीगणेश की कृपा प्राप्ति का उत्तम अवसर होता है। साथ ही सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग जैसे अत्यंत शुभ योग भी आज के दिन को और भी पावन बना रहे हैं।
🕉️ पंचांग विवरण
🔹 विक्रम संवत: 2081
🔹 मास: वैशाख
🔹 पक्ष: कृष्ण
🔹 तिथि: तृतीया
🔹 वार: बुधवार
🔹 योग: व्यतिपात
🔹 नक्षत्र: अनुराधा
🔹 करण: विष्टि
🔹 चंद्र राशि: वृश्चिक
🔹 सूर्य राशि: मेष
🌅 सूर्य-चंद्र विवरण
🔸 सूर्योदय: सुबह 06:18 बजे
🔸 सूर्यास्त: शाम 07:00 बजे
🔸 चंद्रोदय: रात 10:00 बजे
🔸 चंद्रास्त: सुबह 07:31 बजे
🚫 अशुभ समय (राहुकाल आदि)
🔻 राहुकाल: दोपहर 12:39 बजे से 02:14 बजे तक
🔻 यमगंड: सुबह 07:53 बजे से 09:29 बजे तक
📌 इन समयों में किसी भी नए या शुभ कार्य को टालना उचित रहेगा।
✨ शुभ नक्षत्र में यात्रा और कला-संवर्धन
आज चंद्रमा वृश्चिक राशि में और अनुराधा नक्षत्र में संचरण कर रहा है। यह नक्षत्र दोपहर 03:20 बजे से शाम 04:40 बजे तक प्रभावी रहेगा। अनुराधा नक्षत्र के अधिपति शनि और देवता मित्र देव हैं।
यह नक्षत्र सौम्य स्वभाव का माना जाता है, जो विशेष रूप से इन कार्यों के लिए शुभ होता है:
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ललित कलाओं का अभ्यास
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मित्रता और सामाजिक मेल-जोल
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विवाह और प्रेम संबंध
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नए वस्त्र धारण करना
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संगीत, गायन, शोभायात्रा में भागीदारी
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खेती व यात्रा से जुड़े कार्य
📿 विशेष सुझाव
🔸 आज के दिन श्रीगणेश जी को दूर्वा अर्पित कर “ॐ गं गणपतये नमः” मंत्र का 108 बार जाप करें। इससे समस्त विघ्नों का नाश होता है और मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।