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रायपुर में दर्दनाक हादसा: गड्ढे में डूबने से 7 साल के दिव्यांग बच्चे की मौत, परिजन और स्थानीय लोग गुस्से में
Raipur, CG

राजधानी के गुलमोहर पार्क इलाके में रविवार को एक ऐसा हादसा हुआ, जिसने पूरे शहर को हिला दिया।
नगर निगम की लापरवाही एक मासूम की जान ले गई। पार्क में खेल रहे तीन बच्चों में से एक—7 वर्षीय दिव्यांग दिव्यांश की खुले गड्ढे में डूबने से मौत हो गई। गड्ढा सीवरेज लाइन के लिए खोदा गया था, जो महीनों से खुला पड़ा था और पानी से लबालब भरा हुआ था।
खेलते-खेलते गड्ढे में जा गिरे तीन मासूम
हादसा तब हुआ जब तीन बच्चे पार्क के पास खेल रहे थे। इसी दौरान वे नगर निगम द्वारा खोदे गए गहरे गड्ढे में जा गिरे। एक राहगीर बाइक से गुजर रहा था, जिसने बच्चों को गिरते देखा और दौड़कर मदद की। दो बच्चों को तो समय रहते निकाल लिया गया, लेकिन दिव्यांश की जान नहीं बच पाई।
निगम की लापरवाही पर फूटा लोगों का गुस्सा
हादसे के बाद पूरे इलाके में गम और गुस्से का माहौल है। गड्ढा छह महीने से खुला पड़ा था और स्थानीय लोग कई बार इसकी शिकायत कर चुके थे, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। नगर निगम आयुक्त ने अब सहायक अभियंता योगेश यदु, उप अभियंता अंकिता अग्रवाल और ठेकेदार मेसर्स मधुसूदन अग्रवाल को कारण बताओ नोटिस जारी किया है, लेकिन यह कार्रवाई लोगों के आक्रोश को शांत नहीं कर पाई है।
मां-बाप का बुरा हाल, धरने पर बैठे लोग
दिव्यांश अपने माता-पिता का इकलौता बेटा था। शनिवार रात परिवार ने मंदिर में आयोजित भंडारे में साथ बैठकर खाना खाया था, लेकिन रविवार को उनका पूरा संसार उजड़ गया। अंतिम संस्कार के बाद जब पिता धरने पर बैठे, तो वे सदमे में बेहोश हो गए। मां की हालत और भी खराब है—वो बेसुध होकर सिर्फ एक ही बात दोहरा रही हैं: "मेरा बाबू..."
गड्ढा छह महीने से खुला था, अब चेतावनी दी जनता ने
स्थानीय लोगों का कहना है कि जिस गड्ढे में बच्चा गिरा, वह 6 महीने से खुला था। सीवरेज पाइपलाइन की लीकेज और बारिश के चलते वह पानी से भर गया था। प्रशासन को बार-बार शिकायत दी गई, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। अब लोग गुलमोहर पार्क के बाहर धरने पर बैठे हैं और चेतावनी दी है कि अगर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई नहीं हुई, तो वे मुख्यमंत्री निवास तक मोर्चा निकालेंगे।
📌 यह रिपोर्ट नगर निगम की लापरवाही और जनता के आक्रोश को उजागर करती है। ऐसी घटनाएं न सिर्फ एक परिवार को तबाह करती हैं, बल्कि सिस्टम पर सवाल भी खड़े करती हैं।