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नहीं रुकेगा राशन! बायोमैट्रिक फेल होने पर अब "आंखों" से होगी पहचान, बेमेतरा में शुरू हुई हाईटेक सुविधा
Bemetra, cg

छत्तीसगढ़ के बेमेतरा जिले में अब राशन लेने के लिए फिंगरप्रिंट न मिलने की समस्या हमेशा के लिए खत्म होने जा रही है।
तकनीकी उन्नयन की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए राज्य सरकार ने जिले की सभी राशन दुकानों में आई स्कैनिंग (आंखों की पहचान) की सुविधा से युक्त नई ई-पॉश मशीनें लगाई हैं।
इस पहल के तहत अब यदि किसी हितग्राही का फिंगरप्रिंट ई-पॉश मशीन पर फेल हो जाता है, तो उसकी पहचान आई स्कैनिंग के जरिए तुरंत संभव होगी और वह बिना किसी देरी के अपना राशन प्राप्त कर सकेगा।
क्या है खास इन नई ई-पॉश मशीनों में?
नई मशीनें VA-21 मॉडल की हैं, जो पहले की तुलना में बेहद उन्नत, सटीक और तेज़ हैं। यह मशीनें L1 स्तर की बायोमेट्रिक सिक्योरिटी से लैस हैं और भविष्य में पूरी तरह आंखों की पहचान आधारित वितरण प्रणाली को सपोर्ट करेंगी।
इनके प्रमुख फीचर्स हैं:
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🔹 5.5 इंच की एचडी टच स्क्रीन
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🔹 कलर डिस्प्ले और मोबाइल जैसा यूज़र इंटरफेस
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🔹 सिग्नेचर कैप्चर और रसीद प्रिंटिंग की सुविधा
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🔹 WiFi, 4G, 3G, 2G और Bluetooth सपोर्ट
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🔹 1.1 GHz क्वाड-कोर प्रोसेसर और सिक्योर OS
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🔹 बेहतर सर्वर कनेक्शन और डुअल बायोमेट्रिक पहचान (फिंगर + आई स्कैन)
460 दुकानों को मिली नई मशीन, 2.5 लाख हितग्राहियों को लाभ
बेमेतरा जिले के चार ब्लॉक — बेमेतरा, बेरला, साजा और नवागढ़ — में कुल 460 राशन दुकानों पर यह नई तकनीक लागू की जा चुकी है। इनमें से 28 दुकानें शहरी क्षेत्र में जबकि 432 ग्रामीण इलाकों में संचालित हो रही हैं।
इस तकनीकी नवाचार से लगभग 2.55 लाख राशन कार्डधारियों को सीधा लाभ मिलेगा। सरकार का उद्देश्य है कि अब कोई भी पात्र हितग्राही केवल तकनीकी कारणों से राशन से वंचित न रहे।
‘पलक झपकते’ ही मिलेगा राशन
अब जरूरतमंदों को फिंगरप्रिंट फेल होने के डर से दोबारा लाइन में लगने की ज़रूरत नहीं होगी। आई स्कैनिंग के जरिये कुछ ही सेकंड में पहचान की पुष्टि की जा सकेगी, जिससे राशन वितरण प्रक्रिया पहले से कहीं अधिक सहज, तेज और पारदर्शी हो जाएगी।