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भोपाल में सरकारी ज़मीन पर मजारें मिलने से बवाल, ‘लैंड जिहाद’ का आरोप, प्रशासन ने शुरू की जांच
BHOPAL, MP

मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल एक नए विवाद के केंद्र में आ गई है, जहां वीवीआईपी कॉलोनी मानी जाने वाली 1250 क्वार्टर क्षेत्र में दो मजारों की मौजूदगी सामने आने से धार्मिक और प्रशासनिक हलकों में हलचल मच गई है।
हिंदू संगठन ‘संस्कृति बचाओ मंच’ ने इस मुद्दे को 'लैंड जिहाद' बताते हुए प्रशासन से अवैध निर्माण हटाने की मांग की है। मामले को लेकर राज्य सरकार ने जांच के आदेश दे दिए हैं और सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
सरकारी बिल्डिंग में मिलीं दो मजारें
विवाद की शुरुआत तब हुई जब सरकारी आवास क्षेत्र की एक पुरानी इमारत के प्रांगण में दो मजारें देखी गईं। स्थानीय लोगों के अनुसार, यह इमारत पहले एक मुस्लिम कर्मचारी को आवंटित की गई थी, जिसके बाद से यह धार्मिक ढांचे वहां मौजूद हैं। आरोप है कि इनका निर्माण किसी अधिकृत अनुमति के बिना ही कर लिया गया, जो अब तक वहीं बने हुए हैं।
हिंदू संगठन ने प्रशासन को सौंपा ज्ञापन
‘संस्कृति बचाओ मंच’ के अध्यक्ष चंद्रशेखर तिवारी ने इस विषय पर टीटी नगर एसडीएम को ज्ञापन सौंपते हुए कहा कि “राजधानी के सबसे संवेदनशील और वीवीआईपी इलाके में इस प्रकार का अवैध धार्मिक निर्माण न केवल कानून का उल्लंघन है, बल्कि प्रशासन की लापरवाही भी उजागर करता है।” ज्ञापन में 1250 क्वार्टर क्षेत्र के आवास क्रमांक 28-38 और 85-96 के बीच दो मजारें होने की बात कहते हुए तत्काल कार्रवाई की मांग की गई है।
प्रशासनिक जांच में मजारों की पुष्टि
एसडीएम अर्चना रावत शर्मा द्वारा मौके पर भेजे गए पटवारी की जांच में इन मजारों की मौजूदगी की पुष्टि हो चुकी है। हालांकि तकनीकी रूप से यह इलाका कोलार एसडीएम क्षेत्र में आता है, इसलिए अब मामला संबंधित अधिकारी को सौंपा जा रहा है।
राज्य सरकार ने जताई सख्ती
राज्य के मंत्री कैलाश सारंग ने मीडिया से बातचीत में कहा कि अगर यह ‘लैंड जिहाद’ का मामला साबित होता है, तो इसे गंभीर अपराध मानते हुए सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि “सरकारी ज़मीन पर बिना अनुमति धार्मिक ढांचे बनाना कानून के खिलाफ है, चाहे मामला कितना भी पुराना क्यों न हो।”
प्रशासन की भूमिका पर उठे सवाल
इस पूरे घटनाक्रम ने प्रशासन की सतर्कता और जवाबदेही पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। वर्षों से इन मजारों की मौजूदगी के बावजूद कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई? क्या अधिकारियों को इस बात की जानकारी थी? यदि हां, तो कार्रवाई क्यों नहीं हुई? ‘संस्कृति बचाओ मंच’ ने भोपाल कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह से पूरे शहर में ऐसे मामलों की व्यापक जांच कराने की मांग की है और चेतावनी दी है कि अगर जल्द कार्रवाई नहीं की गई, तो संगठन जन आंदोलन करेगा।