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अशोकनगर में आग का तांडव, 1500 बीघा में खड़ी गेहूं की फसल खाक, 4 करोड़ का नुकसान
Ashoknagar, MP

गर्मी के समय में आगजनी की खबरें आती रहती है. एमपी के अशोकनगर में खड़ी गेहूं की फसल में आग लग गई.
मध्य प्रदेश के अशोकनगर जिले में पांच गांवों में शनिवार दोपहर खेतों में आग लग गई. आग खेतों में खड़ी गेहूं की फसल में लगी. तेज हवा के कारण आग तेजी से फैली. देखते ही देखते करीब 1500 बीघा में खड़ी फसल जलकर राख हो गई. आगजनी का कारण एक खेत में भूसा बना रही मशीन को बताया गया है. किसानों का कहना है कि मशीन से निकली चिंगारी से आग भड़की है.
भूसा मशीन को ले जाने आए एक पुलिसकर्मी और किसानों के बीच झड़प हो गई. किसानों का आरोप है कि पुलिसकर्मी ने उन्हें गालियां दी और अभद्र व्यवहार किया. इससे नाराज किसानों ने नेशनल हाईवे 346 ए पर जाम लगा दिया. किसान पुलिसकर्मी पर कार्रवाई और 45 हजार रुपए प्रति बीघा मुआवजे की मांग कर रहे थे. बताया जा रहा है इस आगजनी में करीब 4 करोड़ की फसल जलकर खाक हो गई है.
जाम के दौरान इन अधिकारियों ने संभाला मोर्चा
सूचना मिलने पर एसडीएम मुंगावली मनीष धनगर, तहसीलदार आनंद जैन, जनपद पंचायत सीईओ आलोक इटोरिया और थाना प्रभारी अरविंद कुशवाह मौके पर पहुंचे. अधिकारियों ने नुकसान का प्रारंभिक आंकलन किया और जाम खुलवाने की कोशिश की.

आगजनी से इन गांव के किसानों का हुआ नुकसान
सबसे ज्यादा नुकसान झागर बमुरिया गांव में हुआ. यहां गंधर्व सिंह की 40, सेन समाज की 30, नीलम सिंह यादव की 50, कृष्णपाल यादव की 30, बाबू यादव की 50, धनपाल यादव की 50, रामकुमार यादव की 20, सोनू यादव की 20, विजयपाल यादव की 9, माखन यादव की 8, गुड्डा यादव की 8, पप्पू यादव की 6, मनोज कटारिया की 10, नारायण सिंह कटारिया की 5, बृजभान सिंह कटारिया की 10, जसराम सिंह की 5, श्रीपाल यादव की 5, लालू यादव की 5, रामसिंह यादव की 5, हरि की 5, रामबाबू की 5, देशराज की 5, गोविंद यादव की 5 और भूपेंद्र कटारिया की 5 बीघा फसल जल गई।.अमोंदा गांव में पहलाद पुत्र खुमान सिंह की 5 और हरप्रसाद पुत्र पंजाब सिंह की 7 बीघा फसल जली.हारूखेड़ी गांव में नरेश साहू, शालकराम कुशवाह और रामकिशन सेन की फसल भी आग की चपेट में आ गई.

तहसील बहादुरपुर में नही है दमकल
बहादुरपुर क्षेत्र में दमकल नहीं है. सबसे नजदीक दमकल मुंगावली नगर परिषद के पास है. जो आग लगने के डेढ़ घंटे बाद मौके पर पहुंची. तब तक आग बुझ चुकी थी. बाद में ईसागढ़ और अशोकनगर से भी दमकल पहुंची. किसानों का कहना है कि मुंगावली से आई दमकल में पानी नहीं था. कुछ देर बौछारें फेंकने के बाद वह बंद हो गई.