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मध्यप्रदेश के सरकारी स्कूलों में हड़कंप, दो से ज्यादा बच्चे हैं तो जाएगी नौकरी
Chatarpur, MP

छतरपुर जिले में एक लेडी टीचर को तीसरा बच्चे को जन्म देना भारी पड़ गया. महिला शिक्षक की सेवाएं समाप्त करने के आदेश.
छतरपुर जिले में ही नहीं बल्कि पूरे मध्यप्रदेश के सरकारी स्कूलों में उस हड़कंप मच गया, जब ये सूचना फैली कि एक लेडी टीचर को तीसरा बच्चा होने के बाद नौकरी से निकाल दिया गया है. छतरपुर जिले के ग्राम धमौरा के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में पदस्थ माध्यमिक शिक्षक रंजीता साहू को नौकरी से बर्खास्त किया गया है. मामले के अनुसार वर्ष 2001 के बाद तीसरी संतान होने के कारण संयुक्त संचालक लोक शिक्षण सागर संभाग ने लेडी टीचर रंजीता साहू की शासकीय सेवा को तत्काल प्रभाव से समाप्त किए जाने का आदेश जारी किया है.
छतरपुर जिला शिक्षा अधिकारी ने भेजी थी रिपोर्ट
जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय द्वारा 22 दिसंबर 2022 को रंजीता साहू पर अनुशासनात्मक कार्रवाई किये जाने का प्रतिवेदन संयुक्त संचालक लोक शिक्षण सागर को भेजा गया था, जिस पर 25 जुलाई 2023 को रंजीता साहू को पत्र भेजकर जवाब मांगा गया. एक जांच टीम का भी गठन किया गया. टीम ने जांच में पाया कि रंजीता साहू को 26 जनवरी 2001 के बाद तीसरी संतान हुई है. नियम के अनुसार मध्यप्रदेश पंचायत संविदा शाला (नियोजन एवं संविदा की शर्त) नियम 2005 की अनुसूची दो (ख) (9) का ये उल्लंघन है.

जांच के बाद कारण बताओ नोटिस दिया था
जांच में लेडी टीचर रंजीता साहू द्वारा अध्यापक पद पर रहते हुए शासकीय सेवा के दौरान तीसरी संतान के जन्म संबंधी तथ्य को छिपाने और स्कूल शिक्षा विभाग के नवीन कैडर में माध्यमिक शिक्षक के पद पर नियुक्ति, शासकीय योजनाओं के तहत सुविधाओं का लाभ लेने की बात भी सामने आई. 6 फरवरी 2025 को विभाग ने रंजीता साहू को कारण बताओ नोटिस भेजा था, जिसका जवाब संतोषजनक नहीं दिया गया. इसके बाद संयुक्त संचालक, लोक शिक्षण सागर संभाग ने रंजीता साहू की शासकीय सेवा को तत्काल प्रभाव से समाप्त करने का आदेश जारी किया.
बर्खास्त शिक्षिका बोली- कोर्ट की शरण लेंगे
इस मामले में शिक्षिका रंजीता साहू से बात की गई तो उन्होंने कहा "मेरे साथ गलत हुआ है. ऐसे और भी लोग हैं, जिनके 3-3 बच्चे हैं. मैं कोर्ट की शरण लूंगी". वहीं, छतरपुर के जिला शिक्षा अधिकारी आरपी प्रजापति का कहना है "संयुक्त संचालक, लोक शिक्षण सागर संभाग द्वारा कार्रवाई की गई है. विभाग द्वारा जांच पड़ताल की गई और प्रतिवेदन भेजा गया था. इसके बाद इस प्रकार का आदेश जारी हुआ."