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पंच-सरपंच सम्मेलन में गूंजा आत्मनिर्भर पंचायतों का संकल्प, मंत्री प्रहलाद पटेल ने दिए विकास के भरोसेमंद संकेत
Rewa, MP

जिले के कृष्णा राजकपूर ऑडिटोरियम में आयोजित पंच-सरपंच सम्मेलन में ग्राम पंचायतों की भूमिका, अधिकार और जिम्मेदारियों पर गंभीर विमर्श हुआ।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रदेश के पंचायत एवं ग्रामीण विकास तथा श्रम मंत्री प्रहलाद पटेल रहे। उन्होंने सम्मेलन में उपस्थित पंच-सरपंचों को सशक्त और जिम्मेदार नेतृत्व की प्रेरणा दी।
🙏 गांधीजी के 'पंच परमेश्वर' की राह पर पंचायतें
मंत्री पटेल ने अपने संबोधन में कहा कि महात्मा गांधी ने ग्राम पंचायतों को आत्मनिर्भर इकाई के रूप में देखा था। उनकी 'पंच परमेश्वर' की परिकल्पना सिर्फ सत्ता नहीं, सेवा की भावना पर आधारित थी। आज जब पंचायत राज व्यवस्था का ढांचा मजबूत हो रहा है, तब आवश्यक है कि पंचायत पदाधिकारी अपने अधिकारों के साथ-साथ कर्तव्यों को भी पूरी गंभीरता से निभाएं।
💰 विकास को मिलेगी नई रफ्तार: 25 लाख तक खर्च की मंजूरी
उन्होंने बताया कि पंचायतों को अधिक सक्षम बनाने के लिए सरकार लगातार प्रयासरत है। सरपंचों की वित्तीय सीमा 15 लाख से बढ़ाकर अब 25 लाख रुपए कर दी गई है। साथ ही, पंचायतों को 15वें वित्त आयोग से भरपूर धनराशि दी जा रही है। राज्य सरकार की ओर से 1400 करोड़ रुपए की राशि ग्राम पंचायतों को वितरित की गई, जिसे इस वर्ष बढ़ाकर 6000 करोड़ रुपए कर दिया गया है।
👥 पंचायतें अब 'परिवार' की तरह करेंगी बजट प्रबंधन
मंत्री ने पंचायत प्रतिनिधियों से अपील करते हुए कहा, "जिस तरह हम अपने घर का बजट सोच-समझकर बनाते हैं, उसी तरह ग्राम पंचायत के फंड का भी दूरदर्शिता और ईमानदारी से उपयोग किया जाना चाहिए।" उन्होंने भरोसा दिलाया कि पंचायतों के लिए धन की कोई कमी नहीं है, बशर्ते उसका सदुपयोग हो।
⚖️ लापरवाही पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी
मंत्री पटेल ने साफ किया कि पंचायतों के विकास कार्यों में यदि कोई लापरवाही या अनियमितता पाई जाती है, तो संबंधित अधिकारियों या कर्मचारियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी जोड़ा कि वे स्वयं लगातार पंचायत पदाधिकारियों से संवाद करते रहते हैं, और उन्हें ग्राम पंचायत की ज़मीनी हकीकत का पूरा एहसास है।