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फेक अकाउंट पर सख्ती! साइबर फ्रॉड में लिप्त खातों को जब्त करने की तैयारी में बैंक
Business News

देश में बढ़ते साइबर फ्रॉड को देखते हुए अब बैंक ग्राहकों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की तैयारी में हैं।
इंडियन बैंक एसोसिएशन (IBA) ने भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) को सुझाव भेजने की योजना बनाई है, जिसके तहत साइबर क्राइम में लिप्त खातों को सीधे जब्त किया जा सकेगा — बिना कोर्ट या एजेंसी की अनुमति के।
🔐 बैंकों की दलील: समय की बर्बादी, अपराधियों को मिलती राहत
बैंकों का कहना है कि साइबर अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई में कानूनी प्रक्रिया में देरी के कारण वे समय पर फर्जी खातों को ब्लॉक नहीं कर पाते। इससे न सिर्फ बैंकिंग सिस्टम कमजोर होता है, बल्कि अपराधियों को भी नया रास्ता मिल जाता है।
🤖 AI और मशीन लर्निंग से सशक्त होगा मॉनिटरिंग सिस्टम
IBA की रिपोर्ट में सुझाव दिया गया है कि बैंकिंग सिस्टम को अधिक मजबूत बनाने के लिए AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) और मशीन लर्निंग को ट्रांजैक्शन मॉनिटरिंग सिस्टम से जोड़ा जाए। इससे संदिग्ध लेन-देन को तुरंत पहचाना जा सकेगा और फर्जी खातों पर फौरन कार्रवाई की जा सकेगी।
📊 चुनाव आयोग के डेटा का इस्तेमाल और नई वेरिफिकेशन नीति का प्रस्ताव
फर्जी पहचान के ज़रिए खाता खोलने वालों पर शिकंजा कसने के लिए बैंकों ने एक और महत्वपूर्ण सुझाव दिया है। यदि ग्राहक के पास पैन कार्ड नहीं है, तो उसके मतदाता पहचान पत्र या फॉर्म 60 के आधार पर चुनाव आयोग के डेटा से वेरिफिकेशन करने का प्रस्ताव रखा गया है। इसके साथ ही, ऐसे खातों में लेन-देन की सीमा तय करने की सिफारिश भी की गई है।
🔧 टेक्नोलॉजी और ट्रेनिंग पर ज़ोर
वर्किंग ग्रुप का मानना है कि अगर बैंकों में टेक्नोलॉजी में निवेश, कर्मचारियों की ट्रेनिंग, और सभी स्टेकहोल्डर्स के बीच तालमेल बेहतर किया जाए, तो भारत का फाइनेंशियल सेक्टर पहले से कहीं ज्यादा सुरक्षित हो सकता है।
📌 निष्कर्ष: साइबर फ्रॉड की बढ़ती घटनाओं ने बैंकिंग सेक्टर को सतर्क कर दिया है। आने वाले समय में बैंकों को अगर खातों को जब्त करने की स्वायत्त शक्ति मिलती है, तो यह फाइनेंशियल क्राइम पर बड़ा प्रहार साबित हो सकता है।
🗞️ — विशेष रिपोर्ट | बिजनेस अपडेट्स | 14 अप्रैल 2025