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वक्फ संशोधन कानून पर समर्थन देने पहुंचे दाऊदी बोहरा प्रतिनिधिमंडल, पीएम मोदी से की भेंट
JAGRAN DESK

दाऊदी बोहरा समुदाय का एक प्रतिनिधिमंडल गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिला और वक्फ संशोधन अधिनियम के लिए उनका आभार प्रकट किया। समुदाय ने कहा कि यह अधिनियम उनकी वर्षों पुरानी मांग को पूरा करता है, जो अब जाकर साकार हुई है।
प्रधानमंत्री से मुलाकात के दौरान प्रतिनिधियों ने "सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास" के विजन पर विश्वास जताते हुए कहा कि सरकार ने अल्पसंख्यक समुदायों की वास्तविक जरूरतों को ध्यान में रखते हुए सार्थक पहल की है। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व की सराहना करते हुए इसे "समावेशी विकास की दिशा में ठोस कदम" बताया।
वक्फ संशोधन कानून बना राजनीतिक विवाद का केंद्र
हालांकि, इस संशोधन कानून को लेकर सियासी तापमान तेजी से बढ़ रहा है। केंद्र सरकार जहां इसे मुस्लिम समुदाय के हित में उठाया गया सुधारात्मक कदम बता रही है, वहीं कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल इसे मुस्लिमों के अधिकारों पर ‘कब्जा’ करार देते हुए विरोध कर रहे हैं। मुस्लिम संगठनों में भी इस कानून को लेकर गहरी असहमति दिखी है और कई स्थानों पर इसके खिलाफ प्रदर्शन किए जा चुके हैं।
यह मामला अब सुप्रीम कोर्ट तक जा पहुंचा है। सर्वोच्च अदालत में कई याचिकाएं दाखिल की गई हैं, जिन पर गुरुवार को भी सुनवाई हुई। कोर्ट ने फिलहाल आदेश जारी करते हुए कहा कि जो संपत्तियां पहले से वक्फ के रूप में घोषित या पंजीकृत हैं, उनकी वर्तमान स्थिति में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। साथ ही केंद्र सरकार को जवाब दाखिल करने के लिए 7 दिन का समय दिया गया है। मामले की अगली सुनवाई 5 मई को निर्धारित की गई है।
पीएम मोदी और बोहरा समुदाय: एक गहरा रिश्ता
प्रधानमंत्री मोदी का दाऊदी बोहरा समुदाय के साथ वर्षों पुराना संबंध है। गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए ही उनका इस शांतिप्रिय और उद्यमशील समुदाय के साथ संवाद शुरू हुआ था। गुजरात में बोहरा समुदाय की अच्छी-खासी आबादी है, और प्रधानमंत्री अक्सर इस समुदाय की देशभक्ति, अनुशासन और सामाजिक समरसता की प्रशंसा करते रहे हैं।
वर्ष 2023 में मुंबई के मरोल में स्थित अलजामिया-तुस-सैफियाह अकादमी के चौथे परिसर के उद्घाटन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने बोहरा समुदाय के साथ अपने चार पीढ़ियों पुराने संबंधों का उल्लेख किया था। इससे पहले दोहा यात्रा के दौरान भी पीएम ने वहां बसे बोहरा समुदाय के लोगों से मुलाकात की थी।