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वक्फ संशोधन कानून पर सुप्रीम कोर्ट की सख्ती: केंद्र सरकार ने दिया आश्वासन, 'वक्फ बाय यूज़र' संपत्तियों को अगली सुनवाई तक नहीं हटाया जाएगा
JAGRAN DESK

वक्फ (संशोधन) अधिनियम 2025 के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में दूसरे दिन सुनवाई हुई। इस दौरान मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति पीवी संजय कुमार और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने कानून की कुछ विवादास्पद धाराओं को लेकर गंभीर चिंता जताई।
सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश ने कहा, “कानून पर स्थगन (stay) देना दुर्लभ है, लेकिन अगर इसे रोका नहीं गया तो स्थिति गंभीर रूप से बदल सकती है। यदि किसी संपत्ति को 1995 के कानून के तहत वक्फ घोषित किया गया है, तो उसे बदला नहीं जा सकता।”
केंद्र सरकार की ओर से क्या कहा गया?
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने केंद्र की ओर से पेश होकर कोर्ट से एक सप्ताह का समय मांगा ताकि वह प्रारंभिक जवाब दाखिल कर सकें। उन्होंने भरोसा दिलाया कि अगली सुनवाई तक ‘वक्फ बाय यूज़र’ संपत्तियों को डीनोटिफाई नहीं किया जाएगा, यानी उन्हें वक्फ की श्रेणी से हटाया नहीं जाएगा। साथ ही, किसी भी वक्फ संपत्ति में कलेक्टर द्वारा कोई बदलाव नहीं किया जाएगा।
कोर्ट ने दिए ये निर्देश:
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केंद्र और राज्य वक्फ बोर्ड तथा केंद्रीय वक्फ परिषद में कोई नई नियुक्ति नहीं होगी — जब तक अगली सुनवाई नहीं हो जाती।
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धारा 9 और 14 के अंतर्गत फिलहाल कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी।
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जिन संपत्तियों को कोर्ट ने पहले से वक्फ घोषित किया है, उन्हें डीनोटिफाई नहीं किया जाएगा, चाहे वो 'वक्फ-बाय-यूज़र' हों या 'डिक्लेरेशन' द्वारा घोषित हों।
इतनी याचिकाएं कोर्ट में लंबित
इस मामले में कुल 72 याचिकाएं दाखिल की गई हैं, जिनमें प्रमुख याचिकाकर्ताओं में AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड, जमीयत उलेमा-ए-हिंद, DMK, और कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी व मोहम्मद जावेद शामिल हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह फिलहाल सिर्फ 5 याचिकाओं पर ही सुनवाई करेगा।
पहले दिन क्या हुआ था?
पहले दिन की सुनवाई में कोर्ट ने संकेत दिया था कि वह कानून की कुछ धाराओं पर अंतरिम रोक लगाने पर विचार कर रहा है। इनमें विवादास्पद बातें ये थीं:
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वक्फ बोर्ड और परिषद में गैर-मुस्लिम सदस्यों की नियुक्ति
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कलेक्टर को वक्फ विवादों में अधिकार
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वक्फ घोषित संपत्तियों को डीनोटिफाई करने का प्रावधान
फिलहाल अगली सुनवाई तक राहत
कोर्ट ने कहा है कि वह तटस्थता और न्याय का संतुलन बनाए रखने की कोशिश करेगा। फिलहाल केंद्र को एक सप्ताह का समय दिया गया है और तब तक वक्फ संपत्तियों की स्थिति में कोई बदलाव नहीं होगा।